The Ultimate Guide To Shodashi
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कामपूर्णजकाराख्यसुपीठान्तर्न्निवासिनीम् ।
कर्तुं श्रीललिताङ्ग-रक्षण-विधिं लावण्य-पूर्णां तनूं
The Shreechakra Yantra promotes some great benefits of this Mantra. It is far from Obligatory to meditate in front of this Yantra, but when You should buy and utilize it in the course of meditation, it will eventually give wonderful Gains to you personally.
Shiva used the ashes, and adjacent mud to yet again sort Kama. Then, with their yogic powers, they breathed lifestyle into Kama in such a way that he was animated and really capable of sadhana. As Kama ongoing his sadhana, he step by step obtained energy over Many others. Entirely aware with the prospective for problems, Shiva played alongside. When Shiva was asked by Kama for the boon to acquire 50 percent of the power of his adversaries, Shiva granted it.
Shiva once the Dying of Sati experienced entered right into a deep meditation. With out his Electrical power no development was achievable and this triggered an imbalance in the universe. To provide him out of his deep meditation, Sati took delivery as Parvati.
The Saptamatrika worship is particularly emphasized for the people searching for powers of control and rule, as well as for those aspiring to spiritual liberation.
सर्वसम्पत्करीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥३॥
ह्रींश्रीर्मैंमन्त्ररूपा हरिहरविनुताऽगस्त्यपत्नीप्रदिष्टा
या देवी दृष्टिपातैः पुनरपि मदनं जीवयामास सद्यः
सावित्री तत्पदार्था शशियुतमकुटा पञ्चशीर्षा त्रिनेत्रा
ऐसी कौन सी क्रिया है, जो सभी सिद्धियों को देने वाली है? ऐसी कौन सी क्रिया है, जो परम श्रेष्ठ है? ऐसा कौन सा योग जो स्वर्ग और मोक्ष को देने वाला? ऐसा कौन सा उपाय है जिसके द्वारा साधारण मानव बिना तीर्थ, दान, यज्ञ और ध्यान के पूर्ण सिद्धि प्राप्त कर सकता है?
संक्रान्ति — प्रति मास जब सूर्य एक संक्रान्ति से दूसरी संक्रान्ति में परिवर्तित होता है, वह मुहूर्त श्रेष्ठ है।
The worship of Goddess Lalita is intricately connected With all the pursuit of the two worldly pleasures and spiritual emancipation.
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते more info है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।